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जीवन की आशा

abhi.aadi
abhi.aadi
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रोज सुनते है आज इसकी कल उसकी जीवन की आशा बुझ चली है
जीवन की निराशा से हम तुम या कोई भी कुछ करने को आकुल है
एक पल आता है हमे तुम्हे या इसे उसे ले जाता है
जाने वाला चला जाता है पर अपनों को वही छोड़ जाता है
जब तक इसके उसके अपने ज़िंदा रहते हैं
वो ज़िंदा भी रोज मरते हैं काश जाने वाले समझ पाते

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