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निराशा से आशा

abhi.aadi
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जीवन की सच्ची घटना
एक बार एक बेटी ने अपने पापा से एक प्रशन किया जीवन में इतनी कठिनाएं क्यूं होतीं हैं वो नहीं समझ पा रही थी मैं कैसे इन परेशानियों से मुक्त हो संकू मेरा जीवन रोज कुना खोदकर पानी पीने जैसा है अगर एक समस्या ख़त्म होती है तो अगले दिन दो समस्या फिर सामने आ जाती हैं
पापा उसे रसोई में ले गये
एक गाजर एक अंडा एक काफी बीन लिया
तीनो को अलग अलग उबाला आधा घंटा बाद उसे दिखया
बेटी से पूछा तीनो को छूकर देखो और बताओ क्या अनुभव किया
बेटी ने कहा गाजर कोमल हो गयी अंडा छिलका उतारकर खाने लायक होकर कुछ कुछ मीठा हो गया
और काफी बीन मुलायम होकर rich aroma वाला हो गया
बेटी समझ ना पायी पापा ने बताया तीनो को एक ही आग में पकाया एक ही समय दिया
पर बेटी कोई मुलायम हो गया कोई कठोर तो कोई मीठा
तुम बताओ मेरी बेटी तुम क्या हो ?????????
क्या तुम गाजर हो ?
क्या तुम अंडा हो ?
क्या तुम एक काफी बीन हो ?
क्यावो गाजर जो उबलकर कोमल हो गयी
या
एक अंडा जो उबलकर छिलका उतरकर खाने लायक हो गया
या
एक काफी बीन जो उबलकर एक rich aroma लेकर आया
मेरी बेटी अगर तुम बीन बनोगी लोग बातें करंगेंपर तुम्हारा जीवन एक rich aroma बनेगा
सो मेरी बेटी बनो बीन जो आग में पककर rich aroma बना
उस दिन से बेटी ने भगवन से प्राथना की
please GOD HELP ME TO BE A COFFEE BEEN

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