abhi.aadi
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एक दिन मैंने भगवन से कह डाली अपने मन की एक अभिलाषा
उस दिन कुछ खुश थे मेरे से सुन ली बड़े मन से मेरी अभिलाषा
मैंने भगवन से ताकत माँगी उसने दे डाली साहस की अभिलाषा
मैंने भगवन से और साहस माँगा दे डाली मुझे अनेक मुसीबतें
कह दिया ले अजमा ले अपनी ताकत और अपना साहस
मैं था कुछ सनकी फिर माँगा कुछ धन दे डाली मुझे दान की भी आदत
उस दिन मेरी चांदी थी मैंने कुछ बुधी और ज्ञान माँगा
दे डाली मुझे मुसीबतों से निकलकर आगे बदने की आदत
उस दिन कुछ मेहरबान था भगवन मैंने माँगा धीरज
उसने दे डाली मुझे एसी हालत जब मुझे केवल इंतजार की आदत
तू है बड़ा साहसी तो रख मुसीबतों से निकलने को धीरज
मैंने भगवन से कुछ प्यार माँगा तो दे डाली हर समय दुसरो की मदद की आदत
कैसी थी मेरी अभिलाषा जो माँगा वो न मिला पर वो मिला जिसके बाद बची न कोई अभिलाषा
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