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मन का मीत

abhi.aadi
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मैं वहां हूँ जब तुम्हे मेरी जरूरत है
जीवन सदा वैसे नहीं चलता जैसे हम चाहतें हैं

हम योजना बनाते रहे प्रयास करते रहे पर तुम हार कर क्यूँ बैठे जब मन मीत तुम्हारे साथ है
यह भी सच है की यही तुम्हारा प्रयास का समय है
मैं तुम्हारा मन मीत तुम्हारा हर कदम
मै वही जो तुम्हारे सोच से पहले तुम्हारा दशा और दिशा पढ़ लेता हूँ
मन की आवाज मैं पहले ही सुन लेता हूँ
तभी तो मैं आगे तुम्हे पीछे रखता हूँ
हर मुश्किल मै पहले झेलूं तुम तक तो उसकी आवाज भी न आये
दिल तुम्हारा पर धरकन मैं पहले सुन लेता हूँ
तुम निराश पर मैं आशा तभी तो तुम्हारे साथ चलता हूँ
अब निराश न हो सोचो उठो मेरी आवाज सुनो
कर्मशील बनो जीवन की हालत को समझो
मैं हूँ वहीं जहां तुम्हें मेरी जरुरत है
मैं मन मीत सदा रहता साथ

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