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सुख और दुःख

abhi.aadi
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जीवन के दो साथी हैं एक सुख दूजा दुःख
सब सुख को याद करें हैं दुःख बिन बुलाये चला आये

ये कैसी दोनों की मारा मारी एक आगे एक पीछे
एक के बिना दोनों को कोई ना याद करे

एक दिन दुःख ने कहा सुख से सब तुझे याद करें
मुझे तो सपने में भी याद न करें
तब सुख बोला तू आता है तो मुझे याद करें
नहीं तो सब अंहकार में मुझे भी भूल जाते हैं

सच है दुःख आता है तो हमें हमा री ओकात बता जाता है
कोंन हमारा है कोंन पराया यह भी सबूत के साथ बता जाता है

दुःख हमें दुसरो को समझने में सहायक होता है
सुख हमे सिखाता नहीं केवल अभिमान का नशा देता है

अगर सुख को पाना चाहो तो सुख का अभिमान न करो
सुख में भी दूसरों के दुःख को समझो तो सुख का नशा न होगा

दुःख में जो ताकत मिलती है सुख में उस न भुलाओ
सुख निर्माण कराता है तो दुःख उसे अपने पास रखना सिखाता है

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