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भगवन है या नहीं ये कोई नहीं जानता पर ये
हमारा विशवास है
की कोई एसी शक्ति है जो हमारे चारो और है
जो हमे हमारे अच्छे बुरे क्रमों की सजा या इनाम देता है
कब देता है कैसे देता है कोई नहीं जानता ????????
पर जो दे कुछ देता है हम उसकी जमकर आलोचना जरुर करतें हैं
मन हमारा बैचेन रहता है उस अनजान शक्ति से कुछ न कुछ मांगने
चल देते है रोज उसके द्वार
यह नहीं जानते वो क्या चाहता है
इतवार को चर्च चले जाते हैं
शक्रवार को मस्जिद चले जाते हैं
मंगल शनि को मंदिर तो
जब तब गरुद्वारेचले जाते हैं
यह नहीं जानते वो क्या चाहता है ?//
फिर भी उसे फूलों से सजाते हैं
तो कभी धन देकर खुश करते हैं
कभी अपने बाल ही अर्पण कर देते हैं
तो कभी अपना अमूल्य समय घंटो उसे ही दे देते हैं
कभी क्या रोज ही अच्छे से अच्छा खाना दे दते हैं
हम कभी नहीं सोच पाते क्या भगवन यही चाहता है
खाना ??????/
फूल ????????
धन ???????/
या
समय ?????????
चलिए देखतें हैं
हम क्या देते हैं
वो
क्या चाहता है ???
भगवन के आगे हाथ जोड़ो पर मदद मांगने वालो के आगे भी अपने हाथ आगे बदाओ
उस सर्व शक्तिमान को भोग लगाओ पर भूखों को भी खिलाओ
उसे फोलों से सजाओ पर फोल से कोमल बच्चों के सपने भी सजाओ
धन भी दो उसे पर उन गरीब बच्चों को भी धन दो जो पदनाचाहते हो
जो जीवन में बीमारी से युद्ध कर रहें जीने को मोंतको हराना चाहते हैं
समय दो भगवन को जो तुम्हारे हर कदम को देख रहा है
पर समय उन को भी दो जिन्होंने तुम्हे एस लायक बनाया
की आज तुम सहायक बन सकते हो माँ बाप को
जिनके उपकार सात जन्म तक नहीं उतार सकते
उन बच्चों को दो जो सभ शाम केवल तुम्हारे मुंह की और ताकते हैं
ऐसा कर के देखो वो शक्ति वो खुदा खुद ब खुद तुम्हारे आगे आजायेगा
खुद को बदलो समय खुद बदल जाएगा
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