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जीवन की परिभाषा
जीवन एक किताब है जिसके कुछ पेज दुःख से भरे हैं तो कुछ खुशी से
और कुछ उत्साह से पर हम एन पन्नों को अगर नहीं बदलेगें तो ?????
जीवन में जो चाहा वो मिला तो ठीक नहीं तो फिर से /??////////
गर सोचो जरा तुम में है वो ताकत जो चाहो वो पालो तुमने सूरज चाँद को छुलेनेकी कोशिश को पा लिया
अपने विचारों को आसमा से आगे ले गये
बीएस कभी यह भी सोच लो तुम्हारे माँ बाप भी तुम्हारी इंतजार में हैं
सब पन्ने उन्हीके लिखे हैं
एक दिन बस एक पल माँ बापू तुम कैसे हो उन्हें
जीवन के बुदापे से लड़ने की ताकत दे देता है
बीएस एक पल को उनकी जगह खुद को देख लो ??????
जीवन की परिभाषा ही बदल जाए
ना कोई वर्द्धआश्रम होगा न कोई विधवा का
होगा बस घर होगा जिसकी दीवारे सुख की होंगीं तो दरवाजे हंसी के
और झरोंके से सूरज उगेगा ना की पूरब से
क्या ऐसा होगा जीवन
ज़रा सोच लो नव युओकों
हमने तो काट लिया ऐसा जीवन जहां भाई का साथ था
तो बहनों का प्यार भी आज तो बस स्वार्थ है
हमारे तो जेठ देवर भी हैं
बुआ चची मोसी भी हैं
तुम क्या करोगे जब माँ बाप की परिभाषा ही बदल दी तुमने
बदल गयी जीवन की परिभाषा ???????
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